भारत सर्वोत्कृष्ट हस्तशिल्प का खजाना माना जाता है। हस्तकला उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम आता है तथा जिसे मुख्यत: हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही बनाया जाता है। ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व होता है। भारत का हर क्षेत्र अपने विशिष्ट हस्तशिल्प के लिए मशहूर है। भारत की हस्तकलाओं की परंपरा जितनी पुरानी है उतनी ही विविधताओं से भरी हुई है। भारत में अनंतकाल से हस्तशिल्प क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों से लोगों में सन्निहित रचनात्मक कौशल से कार्य करने के कौशल को पीढ़ी दर पीढ़ी स्वाभाविकता के साथ बढ़ाता आ रहा है। बाद में लोग अपने जीविकोपार्जन हेतु इस क्षेत्र पर और ज्यादा निर्भर हो गये जिससे यह एक फलती-फूलती आर्थिक गतिविधि बन गई।
भारत में हस्तशिल्प उद्योग की अपार सफलताएं हैं और यह अपनी परम्परागत शैली के कारण अपने हस्तशिल्प उद्योगों में विशिष्ट स्थान रखता है। भारत सरकार ऐसे हस्तशिल्प उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए अनावरत रूप से प्रत्यनशील रही है तथा इसके समुचित विकास हेतु योजनाबद्व रूप से कई योजनाएं संचालित करवाई जा रही हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में तरह तरह की प्रदर्शनी लगाई जा रही है ताकि हस्तकला व हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिल सके। ये योजनाएं हस्तशिल्प और हस्तकलाओं की शानदार परंपरा की झलक दिखती हैं। इसके द्वारा भारतीय हस्तकला और हस्तशिल्प उद्योग में एक नई जान फूंकना। जो चाहता है आनेवाली पीढ़ियों के लिए पारंपरिक कलाओं की कभी न खत्म होने वाली विरासत तैयार करना। यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत करने की यह बहुत बड़ी पहल का ही एक हिस्सा है। भारत की हस्तकलाओं की परंपरा जितनी पुरानी है उतनी ही विविधताओं से भरी हुई है।